चीनी अर्थव्यवस्था के तुलनात्मक अध्ययन के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का सकारात्मक दृश्य देख सकते है—प्रो राजीव जैन,कुलपति,राजस्थान यूनिवर्सिटी
संगम विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा द्वारा भारतीय समाज विज्ञान परिषद (आईसीएसएसआर)नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित,दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में आत्मनिर्भर भारत और चीनी अर्थव्यवस्था के द्वारा प्रस्तुत की गई चुनौतियों पर विचार मंथन होने के साथ इस संगोष्ठी का प्रारंभ हुआ। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन ने चीनी अर्थव्यवस्था के तुलनात्मक अध्ययन के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का सकारात्मक दृश्य अपने वक्तव्य के द्वारा प्रस्तुत किया । संगोष्ठी के मानद् अतिथि प्रोफेसर अरुण चतुर्वेदी जो कि एमएलएसयू उदयपुर में अधिष्ठाता के पद पर सेवाएं दे चुके हैं, ने भी अपने बहुमूल्य विचारों द्वारा राजनीति के स्तर पर भारत चीन संबंधों के विषय में प्रकाश डाला। संगोष्ठी में विशेष अतिथि डॉ हरीश शर्मा ने भी अपने महत्वपूर्ण विचारों के साथ विश्व विद्यालय शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए वैचारिक चिंतन की ओर प्रवृत्त करने वाले शोध संसाधन व्यक्ति के रूप में अपनी भूमिका निभाई , इसके साथ ही संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर करुणेश सक्सेना ने चीनी अर्थव्यवस्था और भारत के साथ उसके कुछ जरूरी संबंधों पर प्रकाश डाला। कुल सचिव प्रोफेसर राजीव मेहता ने संगम विश्वविद्यालय के विकास और उपलब्धियों पर अपने विचार व्यक्त किए । प्रोफेसर राकेश भंडारी ने अपने विश्वविद्यालय में आयोजित इस संगोष्ठी के लिए सभी प्रतिभागियों एवं विशेष आमंत्रित व्यक्तियों को स्वागत उद्बोधन दिया। इससे पहले संगोष्ठी आयोजित करने वाले विभागाध्यक्ष के रूप में डॉ ओम प्रकाश सोमकुवर ने संगोष्ठी के शीर्षक पर बीज वक्तव्य प्रदान किया। इस दो दिवसीय संगोष्ठी में ऑनलाइन और ऑफलाइन अनेकों महत्वपूर्ण पत्रों का वाचन किया जाएगा ।