आयोजन में टीम ने डेयरी उद्योग से संबंधित एक एप्लिकेशन विकसित किया जिससे किसान अपने दूध के उत्पादन को संचालित कर सकते थे।विभाग के हेड डॉ विकास सोमाणी ने बताया कि इस प्रतियोगिता में संगम टीम में संगठित हुए नमन व्यास, अंशुल सिंह, नमन पोखरणा, दिव्या पाल, नीति व्यास, मंतशा तथा मेंटर अजय सुवालका शामिल थे। टीम ने एक सॉफ्टवेयर बनाया था जो डेयरी किसानों को अपने उत्पाद को नियंत्रित करने और बेहतर मूल्य पर बेचने में मदद करता है।यह प्रतियोगिता दूसरे देशों से भी छात्रों को जोड़ने के लिए आयोजित की गई थी।एक अध्ययन के अनुसार, भारत में दूध उत्पादन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आईटी का उपयोग नहीं होता है जिसके कारण किसानों के पास उनके उत्पादों को विक्रय करने और उनकी मूल्य को बढ़ाने के लिए संभवतः उपयुक्त मार्ग नहीं होते हैं। यह दूध के उत्पादन से संबंधित मुख्य समस्याओं में से एक है।संगम विश्वविद्यालय की टीम के सदस्यों ने इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला। टीम ने एक ऐप तैयार किया जिससे किसानों को उनके उत्पादों को ऑनलाइन पंजीकृत करने और बेचने के लिए सही दस्तावेज और अन्य जरूरी जानकारी प्रदान की जाती है।
टीम ने एक उपयोगकर्ता अनुभव का विकास किया है जो किसानों को उनके उत्पादों को संभालने के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद करता है।
संगम टीम उत्तराखंड विश्वविद्यालय के आयोजन में दुनिया के कुछ शीर्ष हैकरों से टकराई थी। इस आयोजन में एक से ज्यादा देशों से 30 से अधिक टीमों ने भाग लिया था।स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग डीन डा विनेश अग्रवाल, कंप्यूटर विभाग के डा अवनीत कुमार व कंप्यूटर साइंस विभाग ने बधाई दी!