भीलवाड़ा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान गृह मंत्रालय भारत सरकार तथा संगम विश्वविद्यालय भीलवाड़ा के संयुक्त तत्वाधान में “शैक्षणिक भवनों के प्रतिरोधकता क्षमता को बढ़ाने के लिए आपदा प्रबंधन योजनाओं की भूमिका “शीर्षक पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया! उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि एवं वक्ता श्री राजेंद्र सिंह सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार थे! उद्घाटन भाषण में राजेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय आपदा उसका प्रबंधन एवं योजना के बारे में बताया! प्रथम दिन कार्यशाला के पेट्रोन एवं मुख्य वक्ता प्रोफेसर करूणेश सक्सेना ,कुलपति संगम विश्वविद्यालय ने आपदा प्रबंधन में सूचना और संचार तकनीक की भूमिका विषय पर अपने विचार रखें! प्रोफेसर सक्सेना ने बताया कि कोविड आपदा में भीलवाड़ा मॉडल प्रसिद्ध हुआ था एवं इस आपदा में विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट ने किस तरीके से उसको योजनाबद्ध तरीके से प्रबंध करके प्रशासन के साथ लगकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया था!दूसरे सत्र में डॉ गरिमा अग्रवाल ,वरिष्ठ सलाहकार ,राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान ने “भारत में रिस्क आपदा प्रबंधन और शैक्षणिक संस्थान में आपदा प्रबंधन योजना का महत्व “शीर्षक पर अपने विचार रखे! विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर चंदन घोष , हेड रेजिडेंट इंफ्रास्ट्रक्चर ,एनआईडीएम ,गृह मंत्रालय भारत सरकार मैं भारत के सभी निजी एवं सरकारी शैक्षणिक भावनाओं में आपदा प्रबंधन योजना की भूमिका एवं उसके महत्व को बताया! कार्यशाला के दूसरे एवं तीसरे दिन डॉक्टर तनुश्री वर्मा ,हेड रिसर्च एंड ट्रेनिंग जोन फॉर सॉल्यूशन,नकुल कुमार तरुण,निदेशक जॉन फॉर सॉल्यूशन, आर सी शर्मा,पूर्व निदेशक दिल्ली फायर सर्विसेज आदि ने अलग अलग विषय पर अपने विचार रखे! तीन दिवसीय कार्यशाला के समन्वयक डॉ गरिमा अग्रवाल वरिष्ठ सलाहकार एनआईडीएम भारत सरकार, प्रोफेसर राकेश भंडारी रिसर्च हेड संगम विश्वविद्यालय थे!कार्यशाला का संचालन डॉ तनुश्री वर्मा तथा श्रेयांश द्विवेदी (जूनियर सलाहकार, एनआईडीएम,भारत सरकार) थे! कन्वीनर प्रोफेसर राकेश भंडारी ने बताया कि आपदा प्रबंधन योजना की तीन दिवसीय कार्यशाला योजना में एनसीसी कैडेट, एनएसएस समन्वयक,फैकल्टी आदि लगभग 300 संगम विश्वविधालय तथा अन्य विद्यालय के सदस्यों ने ट्रेनिंग प्राप्त की! संगम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव मेहता ने बताया कि शैक्षणिक भवनों को आपदा प्रबंधन के दौरान मानचित्र बनाने के बारे में प्रशिक्षण तथा फायर सेफ्टी एवं उसके कंट्रोल के बारे में जानकारी निश्चित ही सभी के उपयोगी रहेगी! जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट राजकुमार जैन ने बताया की एनसीसी कैडेट द्वारा ली गई तीन दिवसीय ट्रेनिंग को शीघ्र ही विश्वविद्यालय में आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल करा के क्रियान्वित किया जाएगा! सभी सफल रहे प्रशिक्षण लेने वाले छात्र छात्राओं को एनआईबीएम गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा!