डिपार्टमेंट ऑफ़ जीओइन्फार्मेटिक्स के विद्यार्थियों ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिमोट सेंसिंग- इसरो द्वारा संचालित आउटरीच सर्टिफिकेट प्रोग्राम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रत्येक विद्यार्थी ने विभिन्न कोर्स पूर्ण करते हुए सर्टिफिकेट हासिल किये|विभाग प्रमुख एंव इस कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. लोकेश त्रिपाठी ने बताया की संगम विश्वविद्यालय इस कोर्स के लिए नोडल सेंटर है और इसरो द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार के कोर्स विद्यार्थियों को नि:शुल्क कराये जाते है | यह कार्यक्रम, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों, रिमोट सेंसिंग, जीआईएस और संबंधित अनुप्रयोगों में अत्याधुनिक ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जिसमें विभिन्न प्रकार के विषयों जैसे उपग्रह-आधारित पृथ्वी अवलोकन, आपदा प्रबंधन के लिए भू-सूचना विज्ञान और जलवायु परिवर्तन अध्ययन पर प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाए जाते हैं।
इस कार्यक्रम के सभी सफल विद्यार्थियों को माननीय वाईस चांसलर प्रो. करुणेश सक्सेना, प्रो वाईस चांसलर डॉ. मानस रंजन पाणिग्रही के द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान कराए गए| विभागाध्यक्ष डॉ. लोकेश त्रिपाठी के नेतृत्व में
जियोइन्फारमैटिक्स के छात्र लंबे समय से इन पाठ्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए इस अवसर का लाभ उठा रहे हैं। कार्यक्रम के प्रति उनका उत्साह स्पष्ट है, क्योंकि वे क्षेत्र की अपनी समझ का विस्तार करने के लिए उत्सुक होकर, जितना संभव हो उतने पाठ्यक्रम पूरा करने का प्रयास करते हैं। इस अभ्यास की सराहना करने के लिए सुश्री अनन्या साधु को 11 कोर्स सफलता पूर्वक पूर्ण करने पर माननीय वाईस चांसलर प्रो. करुणेश सक्सेना द्वारा1100 रूपये का नगद पुरस्कार भी दिया गया , जो आज के समय में विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा और आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है | इस अवसर पर डीन प्रोफ. प्रीति मेहता और विभाग के सभी संकाय सदस्य मौजूद थे|