भीलवाड़ा,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो)की और से निर्मित एवं संचालित चंद्रयान की लॉन्चिंग में अहम भूमिका निभा रहे भीलवाड़ा के इंजीनियर अनिरुद्ध कृष्ण उपाध्याय भी हिस्सा बने है।संगम विश्वविधालय के कुलसचिव प्रो राजीव मेहता ने बताया की चंद्रयान 3 के लांचिंग अभियान को सफल बनाने के लिए जो टीम दिन-रात काम कर रही है, उसमें हमारे विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व छात्र अनिरुद्ध कृष्ण उपाध्याय की अहम जिम्मेदारी मिली थी। चंद्रयान-3 मिशन में पूर्व छात्र को प्रतिनिधित्व मिलने पर संगम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो करुणेश सक्सेना ने सभी को बधाई दी।विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो विनेश अग्रवाल ने बताया की अनिरुद्ध 2015 में इलेक्ट्रिकल विभाग से बीटेक इंजीनियरिंग करी तथा उसके बाद आईआईटी कानपुर से एमटेक गोल्ड मेडलिस्ट रहे।वर्तमान में अनिरुद्ध यूआरएससी बंगलौर में सैटेलाइट डेवलपमेंट इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में रिसर्च एसोसिएट पद पर कार्यरत है।इस महान खुशी के अवसर पर संगम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो राजीव मेहता,प्रो विनेश अग्रवाल,डा अनुराग शर्मा,लेफ्टीनेंट डा राजकुमार जैन,सुरेंद्र राठौड़ आदि अनिरुद्ध के परिवार से मिले तथा उन्हें भीलवाड़ा का नाम देश में रोशन करने पर बधाई दी तथा उन्हें सम्मानित किया।अनिरुद्ध ने वीडियो कॉल से बात करके सभी का आभार जताया।अनिरुद्ध के पिता राधेश्याम उपाध्याय सर्व ब्राह्मण समाज भीलवाड़ा के जिलाध्यक्ष है तथा माता इंद्रा उपाध्याय ग्रहणी है।संगम विश्वविधालय के पूर्व छात्र के देश में नाम रोशन करने पर सभी शिक्षक गणों ने अनिरुद्ध को फोन पर बधाई दी।स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग विभाग के डीन प्रो आरके सोमानी ने सभी विभाग सदस्यों को बधाई दी। “अनिरुद्ध शुरू से मेधावी छात्र रहा है तथा शोध में जाना तथा इसरो से जुड़ने का सपना इंजीनियरिंग के समय से देखा करता था जिसे आज पूरा होते हुए हम सभी गोरवानवित महसूस कर रहे है”– प्रो विनेश अग्रवाल,प्रोफेसर इलेक्ट्रिकल विभाग,संगम विश्वविधालय। ” चंद्रयान 3 लांचिंग में बेटे की भागीदारी में बहुत गर्व हो रहा है तथा सपना साकार होते दिख रहा है।संगम विश्वविधालय के सभी गुरुजनों का धन्यवाद।”–राधेश्याम उपाध्याय ,पिता