राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से अंतर-पीढ़ी संबंध प्रोत्साहन 6वीं कार्यशाला का आयोजन - Sangam University

राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से अंतर-पीढ़ी संबंध प्रोत्साहन 6वीं कार्यशाला का आयोजन

राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से अंतर-पीढ़ी संबंध प्रोत्साहन 6वीं कार्यशाला का आयोजन

एक दिवसीय अंतर-पीढ़ी संबंध प्रोत्साहन की कार्यशाला में सीखा अनुशासन और सेवा ही सशक्त परिवार की नींव का पाठ*

भीलवाड़ा,उद्यमिता एवं कौशल विकास केंद्र संगम विश्वविद्यालय द्वारा भारत सरकार के राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आर्थिक सहयोग से एक दिवसीय अंतर-पीढ़ी संबंध प्रोत्साहन कार्यशालाओं की श्रंखला के अंतर्गत  6वीं कार्यशाला का आयोजन बीते हुये कल के ज्ञान को आने वाले कल के साथ जोड़ने की प्रतिज्ञा विषय पर  किया गया ।  कार्यशाला का आरंभ  अतिथियों कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) करुणेश सक्सेना, उपकुलपति प्रोफेसर (डॉ.) मानस रंजन पाणिग्रही के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित के साथ हुआ। स्वागत उद्बोधन में  डॉ. मनोज कुमावत ने बदलते परिवेश में विभिन्न आयुवर्ग के लोगों के बीच बढ़ते अंतर और उसके प्रभावों को रेखांकित किया । कुलपति प्रोफेसर करुणेश सक्सेना ने अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रीय एकता विभिन्न राष्ट्रीय सेवा भावी संगठनों जैसे एनसीसी के संयुक्त प्रयासों से ही संभव है। बेहतर भविष्य के लिए युवाओं को शिक्षा के साथ ही एनसीसी का सक्रिय सदस्य भी बनना चाहिए ताकि वे राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत होकर समाज और परिवार के बीच मजबूत कड़ी बन सकें। उप-कुलपति प्रोफेसर मानस रंजन पाणिग्रही ने कहा कि बदलते परिवेश में एनसीसी केडेट्स की जिम्मेदारियाँ सेना की मुख्य टुकड़ी से कम नहीं  हैं । मुख्य वक्ता प्रथम सत्र में एमएलवी राजकीय महाविद्यालय के उप प्राचार्य और आईक्युएसी  निदेशक डॉ. बीएल जगेटिया ने अपने सत्रीय संबोधन में एनसीसी कैडेट को संबोधित करते हुये कहा कि आयु के साथ साथ व्यक्ति की विचारशक्ति में भी परिवर्तन होता है ।द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता लेफ्टिनेंट डॉ. राजकुमार जैन, एनओ, संगम विश्वविद्यालय ने अपने सत्रीय वक्तव्य में कहा कि कर्म के परिणाम पर नहीं अपितु उसकी प्रक्रिया पर ध्यान केन्द्रित करते हुये अपने आत्म के आधार पर लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए। कार्यशाला में आये युवाओं का सम्मान प्रशस्ति पत्र देकर किया गया। इस अवसर पर  विभिन्न संकायों के सदस्य, डॉ संजय गोदारा एमएलवी कॉलेज,डॉ श्वेता बोहरा, डा तनुजा सिंह,डॉ.  गौरव सक्सेना, डॉ. संजय कुमार, डॉ. रामेश्वर रायकवार आदि उपस्थित रहे ।

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