भीलवाड़ा स्थित संगम यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग द्वारा “ह्यूमिडिटी सेंसर और उनके अनुप्रयोग” विषय पर एक विशेष वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. करुणेश सक्सेना, प्रो-वाइस चांसलर प्रो. डॉ. मानस रंजन पाणिग्रही, रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. राजीव मेहता, स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज की डीन प्रो. डॉ. प्रीति मेहता, संकाय सदस्य, शोधकर्ता एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ. कोमल बापना (वैज्ञानिक, CSIR-नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी) रहीं, जिन्होंने ह्यूमिडिटी सेंसर की कार्यप्रणाली और इसके विभिन्न वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सटीक आर्द्रता मापन (Humidity Measurement) चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों के श्वसन पैटर्न की निगरानी में अत्यंत सहायक हो सकता है, जिससे बीमारियों के सही निदान और उपचार में सहायता मिलती है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि CSIR-NPL भारत की राष्ट्रीय संस्थान होने के नाते SI ट्रेस योग्य ह्यूमिडिटी सेंसर विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो संक्रामक रोगों के दौरान अत्यधिक उपयोगी साबित हो सकता है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. विक्रम सिंह भाटी ने किया, जिन्होंने वेबिनार की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रो. डॉ. प्रीति मेहता ने भी अपने विचार साझा किए और इस विषय की प्रासंगिकता पर जोर दिया। इस वेबिनार में 60 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जिन्होंने ह्यूमिडिटी सेंसर की नवीनतम तकनीकों और उनके अनुप्रयोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। अंत में डॉ. अभिषेक सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी सम्मानित अतिथियों, शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट किया। यह वेबिनार ह्यूमिडिटी सेंसर तकनीक के महत्व को उजागर करने के साथ ही छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक उपयोगी शैक्षणिक अवसर प्रदान करने में सफल रहा।