भीलवाड़ा,राजस्थान के मेनाल वन का दौरा संगम विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने किया।
संगम विश्वविद्यालय कि शोधार्थी श्रेया शेखावत और जयंत शर्मा ने हाल ही में डॉ. शाहदाब हुसैन के मार्गदर्शन में ओफियोग्लोसम की पहचान, वार्गिकी और जैव विविधता पर चल रहे अपने शोध के लिए मेनाल वन का दौरा किया। इस दौरान, डॉ. शाहदाब ने शोधार्थी का मार्गदर्शन किया, उन्होंने वन के विभिन्न भागों से ओफियोग्लोसम का पता लगाया, नमूने एकत्र किए और ओफियोग्लोसम की विभिन्न प्रजातियों पर डेटा रिकॉर्ड किया जिसमें कुछ नए प्रजाति भी रिपोर्ट की गई।
एकत्र किए गए डेटा का विश्वविद्यालय में विश्लेषण किया जाएगा और चल रहे शोध परियोजनाओं में योगदान दिया जाएगा, जिनमें से कुछ का उद्देश्य वैज्ञानिक पत्रिकाओं में निष्कर्ष प्रकाशित करना है। यह शोध परियोजना ओफियोग्लोसम की जैव विविधता को समझने और संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
संगम विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शादाब हुसैन ने मेनाल रिजर्व फॉरेस्ट में 14 वर्षों से अनुसंधान कार्य किया है। उन्होंने अपने शोधार्थियों श्रेया शेखावत, अरीबा खान, और जयंत शर्मा के साथ मेनाल रिजर्व फॉरेस्टक्षेत्र में पादपों की विविधता का अध्ययन किया।
इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान, उन्होंने टेरिडोफाइटिक और एंजियोस्पर्मिक पादपों की कई प्रजातियों का एकत्रीकरण और साइंटिफिक डॉक्यूमेंटेशन किया। डॉ. शादाब हुसैन ने बताया कि मेनाल रिजर्व फॉरेस्ट की बायोडायवर्सिटी विभिन्न पादप प्रजातियों के लिए एक वरदान है, लेकिन अधिकांश जंगली पादप प्रजातियों को संरक्षित करने की आवश्यकता है।
इस क्षेत्र में कई पादप प्रजातियां संकटग्रस्त और दुर्लभ हो गई हैं, जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है। इनमें कई पादप प्रजातियां अत्यधिक औषधीय महत्व की हैं और आयुर्वेदिक विधि से विभिन्न रोगों का उपचार किया जा सकता है। इस साइंटिफिक स्टडी से इस क्षेत्र को वनस्पति विज्ञान में शोध के लिए एक नई पहचान प्राप्त होगी।