भीलवाड़ा 20 अक्टूबर 2022 स्थानीय संगम विश्वविद्यालय के आइ.क्यू.ए.सी विभाग तथा रिसर्च एवं डेवलपमेंट सेल के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला का शुभारंभ शीर्षक “शोध प्रोजेक्ट प्रस्तावों को कैसे विकसित करें” पर किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एम.पी पुनिया,हेड डिपार्टमेंट ऑफ रिमोट सेंसिंग बीआईएसआर जयपुर ने आज के समय में शोध प्रोजेक्ट कैसे बनाई जाए ,शोध प्रोजेक्ट का चयन, शोध प्रोजेक्ट किस तरह से शोधार्थियों के हित में काम कर सकती है,तथा आवश्यकता के हिसाब से तकनीकी निर्माण आदि विषय पर अपना विशेष व्याख्यान दिया!आई.सी.एस.एस.आर. के पूर्व उप निदेशक डॉ.हरीश शर्मा ने बताया कि शोधार्थियों को शोध प्रोजेक्ट लेने में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए शोधार्थियों को मौलिकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए । डॉ. नेहा पालीवाल असिस्टेंट प्रोफेसर सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर ने अपने वक्तव्य में शोध प्रोजेक्ट को क्रियान्वित पर अपने विचार रखें और बताया कि शोधार्थियों को इस विषय पर सजग होना आवश्यक है ।रिसर्च एवं डेवलपमेंट डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर राकेश भंडारी ने सभी अतिथियों का परिचय दिया तथा उनका स्वागत किया!प्रोफेसर एस.पी टेलर ने इस विषय पर व्याख्या देते समय अपने जीवन के अनुभवों को मंच के साथ साझा किया उन्होंने बताया की शोध प्रोजेक्ट एक शैक्षणिक वातावरण को किस तरीके से गरिमामय बना सकता है !विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार प्रो. राजीव मेहता ने भी इस विषय की गंभीरता को संकेत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय निरंतर नवाचार करता है ,उसी दिशा में यह एक अनूठी पहल है ।आइ.क्यू.ए.सी हेड प्रोफेसर प्रीति मेहता ने आगंतुक मेहमानों का आभार व्यक्त किया और बताया कि यह दो दिवसीय कार्यशाला शोधार्थियों, व्याख्याताओं के लिए रामबाण सिद्ध होगी । कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा कबराऔर डॉ. कीर्ति झा ने किया ।उद्घाटन सत्र के पश्चात कार्यशाला को दो भागों में विभक्त किया गया तथा अपने- अपने सत्रों में एक्सपर्ट ने शोध के अंतर्गत प्रोजेक्ट में आने वाले समस्याओं, प्रोजेक्ट की गुणवत्ता ,प्रोजेक्ट कैसे लिया जाए इस विषय पर अपने विचार व्यक्त किए ।